College hindi love story -06

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Hindi story of college



क्लासरूम -05
क्लासरुम -06

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कहानी अब तक -

पिछले एपिसोड मे आपने पढा की कैसे कोलेज के पहले दिन ही राय साहब को प्यार हो गया था उस लडकी से जिसके बाल लंबे और थोडे घुँघंराले थे !

कहानी अब आगे लाईव --

राय साहब की नजर उस लड़की से हट नही रही थी ! राय साहब उस लड़की को देखे ही जा रहे थे और और उसे देखते ही रहना चाहते थे !

चुंकी 12 बजने मे थे कोलेज की हमारी पहली क्लास स्टार्ट होने वाली थी तो हमे रुम मे भी पहुँचना था ! तो हमने वहाँ से चलना उपयुक्त समझा ! लेकिन हमारे राय साहब चलने को तैयार नही थे ! वो बोल रहे थे की तुम सब चलो मै आता हुँ उसके साथ.मे . . . . .

सब दोस्तो को थोडा अजीब सा लगा . . .
जो लड़का थोडे दिनो पहले तक प्यार के बारे मे नही जानता था ! वो आज अपने प्यार
(इकतरफ़ा प्यार)के लिये अपने दोस्तो से चलने की बोल रहा था !

राय साहब की dictionary मे चंद मिनटो पहले तक प्यार का कोई शब्द नही था ! जिसे प्यार केवल जरूरत का रिश्ता लगता था ! वो राय साहब आज प्यार की बात कर रहा था !

इतने मे ही पीछे से शुक्ला साब और अम्बानी साब ने राय साब का हाथ पकडा और जबर्दस्ती उसे पकडकर कमरे की तरफ़ ले जाने लगे जहाँ 12 बजे से मैथ्स की क्लास लगनी थी ! मजबुरन राय साहब को साथ चलना पडा !

कोलेज की पहली क्लास ऊपर साउथ ब्लोक मे रुम नम्बर 218 मे लगनी थी ! हम सभी वहाँ पहुँचे !

जैसे ही हमने रुम मे प्रवेश किया तो अंदर का नजारा देखने वाला था . . . .
सब बात करने मे लगे हुए थे , कोई जोर जोर से चिल्ला रहा था , कोई हूटिग कर रहा था , तो कोई अपनी मस्ती मे मस्त था . . .

कम से कम 200 लडके उस हाल मे मौजुद थे ! अब आप कोई मुझसे सबूत मत माँग लेना ! मैने भी अंदाजे से ही आपको बताये है !

थोडी देर बाद हमारे मैथ्स वाले सर आये !
उनके आते ही क्लास मे सन्न्नाटा सा छा गया था !
उन्होने हमारी अटेंडेन्स ली और bsc maths के syllabus के बारे मे समझाने लगे . . . .

हम सभी सबसे पीछे वाली बेंच पर बैठकर सर को सुनने की कोशिश कर रहे थे ! क्युकी पीछे तक आवाज नही पहुँच पा रही थी . . .
और हमारी आदत थी की हम हमेशा लास्ट बैंच पर ही बैठते थे . . . .

 क्योंकि लास्ट बैंच पर आलमोस्ट घर जैसा माहौल होता है !

पास मे ही राय साब बैठे थे , जो अपनी कोपी मे किसी का चित्र बनाने की कोशिश कर रहे थे ! वो चित्र बना रहे थे फिर काट रहे थे फ़िर बना रहे थे फ़िर काट रहे थे . . . . .

इतने मे ही पास मे बैठे अमिताभ साब ने कहा - ओये राय किस छोरी का चित्र बना रहा है ? साले पागल क्यू हो रहा है ? तेरा वैसे भी कुछ नही होने वाला है !

लेकिन राय साहब को तो इश्क हो गया था वो भी ईकतरफ़ा . . . . . .

राय साब के मन मे तो शायद अभी तक भी ये गाना बज रहा है . . . .

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पुकार लो नाम हमारा
कब से हम तुम्हारे है..
❤ ❤ ❤ ❤ ❤
कोई आवाज नहीं की,
❤ ❤ ❤ ❤ ❤
चुपके से दिल हारे है.
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
 क्योंकि हम तुम्हारे है ,बस तुम्हारे है ।

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#कहानी_का_अगला_एपिसोड_सोमवार_रात_8_बजे_प्रसारित_किया_जायेगा

#अगला_एपिसोड_07  -

प्यार और इकतरफ़ा प्यार पर मेरे विचार

#एपिसोड_08

हमारा क्रिकेट मैच इन वानखेडे स्टेडियम

नोट - hindi story

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हमारा उद्देश्य किसी भी व्यक्ति की भावनाओ को ठेस पहुचाना नही है !
स्वतंत्र होने का अर्थ ये नही की हम अपनी मर्यादा को भूल जाएं क्योंकि मर्यादा ही हमे गलत रास्ते पर जाने से रोकती है !

लेखक- कपिल

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